- Advertisement -
HomeRajasthan Newsहनुमान बेनीवाल की बड़ी जीत, जानिए जीत के बड़े कारण।

हनुमान बेनीवाल की बड़ी जीत, जानिए जीत के बड़े कारण।

- Advertisement -

आजकल राजस्थान / नगौर।

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने पहली बार बीजेपी से गठबंधन करके लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत गए। बेनीवाल के विजयी होने की खुशी में पूरे लोकसभा क्षेत्र में भाजपा-आरएलपी समर्थकों की ओर से जश्न मनाया जा रहा है।

हनुमान बेनीवाल ने नागौर से कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. ज्योति मिर्धा को करीब डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से हराया। नागौर लोकसभा क्षेत्र के 19 लाख 24 हजार 567 में से 11 लाख 96 हजार 32 लोगों ने मतदान किया था। बेनीवाल को 6 लाख 60 हजार 51, जबकि ज्योति मिर्धा को 4 लाख 78 हजार 751 मत मिले। इसके अलावा 13049 लोगों ने नोटा का प्रयोग किया।

हनुमान बेनीवाल ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी ज्योति मिर्धा को 1 लाख 81 हजार 260 मतों से हराया। नागौर के राजकीय मिर्धा कॉलेज में सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हुई। सुबह 11 बजे ही मिले रुझानों में हनुमान बेनीवाल ने तगड़ी बढ़त बना ली, जो अंतिम 19वें राउंड तक जारी रही। चुनाव परिणाम जारी होने के बाद बेनीवाल नागौर विधायक मोहनराम चौधरी और समर्थकों के साथ मिर्धा कॉलेज पहुंचे व जिला निर्वाचन अधिकारी दिनेश कुमार यादव से प्रमाण पत्र लिया।

हनुमान बेनीवाल बेनीवाल की जीत के सम्भावित कारण

सैन्य बलों व खाड़ी  व अन्य देशों में रह रहे परिवारों का साथ

इस लोकसभा चुनाव में सैनिकों व उनके परिजनों ने एकमुश्त वोट हनुमान बेनीवाल को किये।वन रैंक वन पेंशन तथा एयर स्ट्राइक के मुद्दों पर मोदी के नाम पर वोट मिला।देश से बाहर रह रहे भारतीयों ने भी मोदी की छवि पर बेनीवाल को वोट किया।कई लोग तो सिर्फ वोट देने के लिये ही विदेश से स्वदेश लौटे।आपको बता दें कि इन दोनों तरह के वोटरों की संख्या नागौर जिले में काफी है।

युवा वर्ग में लाेकप्रियता

हनुमान बेनीवाल की युवा वर्ग में अच्छी खासी लाेकप्रियता है, जिसका उनकाे पूरा फायदा मिला। युवाओं ने चुनाव अभियान में भी बेनीवाल का पूरा साथ दिया। वे बेनीवाल को मत देने की अपील करने के लिए मतदाताओं के घर-घर पहुंचे। वहीं पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधा जुड़ाव न होना ज्योति मिर्धा के लिए भारी पड़ गया।

सभी समाजों का मिला साथ

हनुमान बेनीवाल को हर कौम से वोट मिले। खासकर राजपूत बहुत इलाकों में उन्होंने भाजपा की मदद से अच्छे वोट हासिल किए। भाजपा को गजेंद्र सिंह शेखावत, राजेंद्र सिंह राठौड़ और योगी आदित्यनाथ का समर्थन भी मिला। जाट समाज के युवाओं का तो एकतरफा रुझान बेनीवाल के पक्ष में रहा।इसके अलावा उनके आरएसएस के साथ संंबंध भी काम आए।

सोशल मीडिया  पर हनुमान समर्थकों की सक्रियता

सोशल मीडिया पर सक्रियता का भी हनुमान बेनीवाल की जीत में अहम योगदान रहा। हनुमान बेनीवाल के पक्ष मे एक बड़ी सोशियल मीडिया टीम हमेशा रहती है  यह टीम उनके हर कार्यक्रम की जानकारी सोशल मीडिया पर समय-समय पर अपडेट करती रहती है। सोशल मीडिया पर उनकी पोस्ट खूब देखी और शेयर की जाती है। इस कारण भी उनकी लोकप्रियता बहुत ज्यादा है।

मोदी व राष्ट्रवाद की लहर

हनुमान बेनीवाल की जीत में मोदी लहर का भी योगदान रहा। राजस्थान में एनडीए की जीत को खुद बेनीवाल ने मोदी तूफान का उसर बताया है। भाजपा के साथ गठबंधन करने का बेनीवाल को फायदा मिला। चुनाव में उन्होंने मोदी के नाम पर वोट मांगे। हर सभा में राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाया। कांग्रेस के हर सवाल का मुखर होकर जवाब दिया।

असंतुष्टों को मनाया

हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा चुनाव पूरी योजना के साथ लड़ा। उन्होंने उनसे जो भी रुठा और असन्तुष्ट  था उसे मनाया और अपने साथ लिया। बेनीवाल ने भाजपा में उनके विरोधियों को भी पक्ष में किया। इसका परिणाम रहा कि उन्हें नागौर लोकसभा क्षेत्र में आने वाले हर विधानसभा क्षेत्र से खूब वोट मिले।

- Advertisement -
- Advertisement -
Stay Connected
16,985FansLike
2,458FollowersFollow
61,453SubscribersSubscribe
Must Read
- Advertisement -
Related News
- Advertisement -