- Advertisement -
HomeRajasthan Newsशिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा का नयाआदेश, शिक्षा विभाग में नवाचार,प्रदेश में...

शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा का नयाआदेश, शिक्षा विभाग में नवाचार,प्रदेश में शिक्षकों को बड़ी राहत

- Advertisement -

आजकल राजस्थान / सीकर.
आचार संहिता हटते ही शिक्षा विभाग  राजस्थान नेे प्रदेश के शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। अब गर्मियों की छुट्टियों में लगने वाले ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर आवासीय  नहीं लगेंगे। आवासीय शिविरों में शिक्षकों को दिन-रात वहीं रहकर प्रशिक्षण लेना होता था। लेकिन अब कांग्रेस सरकार ने भाजपा राज के इन आदेशों को पूरी तरह बदल दिया है। अब प्रदेशभर में गैर आवासीय शिविर ही लगेंगे और यह भी सत्र के बीच में। शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने बुधवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। इस फैसले से जहां विभाग के लाखों रुपए बचेंगे वहीं शिक्षकों को गर्मी की छुट्टी आराम से बिताने का मौका मिल गया है। पिछली भाजपा सरकार के समय शिविरों काफी विरोध हुआ था। लेकिन सरकार ने शिविरों के पैटर्न को नहीं बदला था। शिक्षा मंत्री डोटासरा के इस फैसले से विभाग को लगभग 18 करोड़ का फायदा होगा।
शिविर लगाने के लिए बनेगी नई नीति

Read More:

अब शिक्षकों को सत्र के बीच में प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लेना होगा। इसके लिए विभाग नीति बना रहा है, ताकि बच्चों की पढ़ाई भी बाधित नहीं हो। नए शिक्षा सत्र में अवकाशों के बीच में शिविर लगाए जाने की संभावना है। इस बार प्रदेशभर में डाइट के जरिए शिविर लगाए जा सकते है। शिक्षा मंत्री का मानना है कि भाजपा राज में पूरे पांच साल डाइट की तरफ ध्यान नहीं दिया गया। इस कारण शिक्षा का ढांचा पूरी तरह बेपटरी हो गया। डाइटों में स्टाफ बढ़ाने को लेकर भी कवायद शुरू हो गई है।
ठहरने और खाने की वजह से बढ़ा था विवादआवासीय प्रशिक्षण शिविरों के विरोध की मुख्य वजह शिक्षकों के ठहरने और खाने के इंतजाम रहे। प्रदेश के ज्यादातर जिलों में विभाग खाने और ठहरने के सही तरीके से इंतजाम नहीं कर सका। इस कारण सभी जगह शिविरों का विरोध हुआ। कई स्थानों पर शिक्षक बीमार भी हुए।
बहुत पहले ही होना था यह कामशिक्षक संगठनों ने कांग्रेस सरकार के आवासीय प्रशिक्षण शिविरों को बंद करने के फैसले को सकारात्मक कदम बताया है। शिक्षक नेताओं का कहना है कि शिविरों के नाम पर राजकोष की बर्बादी हो रही थी। राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री महेन्द्र पाण्डे का कहना है कि सरकार के इस फैसले से खासकर महिला शिक्षिकों को बड़ी राहत मिली है। वित्तिय बचत कर शिक्षा मंत्री ने व्यावहारिक प्रशासक का परिचय दिया है। राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश महामंत्री उपेन्द्र शर्मा का कहना है कि प्रशिक्षण के नाम पर फिजूलखर्ची हो रही थी, इसे सरकार ने बचाने का काम किया है। अब सरकार को प्रशिक्षण के पैटर्न और शैक्षिक गुणवत्ता की तरफ ध्यान देना होगा।
ऐसे समझे पूरे गणितशिविरों में शामिल होते है शिक्षक: 2 लाख से अधिक शिक्षकशिविरों में एक शिक्षक पर औसतन खर्चा: 300 से अधिकशिविरों के जरिए कुल खर्चा: लगभग 36 करोड़कितने दिन के होते है शिविर: 06 दिवसीयएक शिक्षक के भोजन पर: 100 रुपएआवास सहित अन्य व्यवस्था: 50 रुपएप्रशिक्षक व स्टेशनरी: 100 रुपए
भाजपा सरकार ने आवासीय प्रशिक्षण शिविरों के जरिए प्रदेशभर के तीन लाख से अधिक शिक्षकों को परेशान करने का काम किया। इस कारण शिक्षकों ने काफी विरोध भी किया, लेकिन सरकार अपने हठ पर अड़ी रही। हमारी सरकार ने शिक्षकों के हित को ध्यान में रखते हुए अब गैर आवासीय प्रशिक्षण शिविर लगाने का फैसला लिया है। इससे सरकार को वित्तिय फायदा भी होगा। -गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा राज्य मंत्री

जयपुर : अब शिक्षकों को नहीं लगाने होंगे बाबू और कार्यालयों के चक्कर,

शिक्षकों के सभी कार्यों को किया जाएगा ऑनलाइन, चाहे वेतन हो चाहे पेंशन हो,सबको किया जाएगा ऑनलाइन,
इसको लेकर एक प्लान किया जा रहा है तैयार,इस प्लान को दिया जाएगा मूर्त रूप।

- Advertisement -
- Advertisement -
Stay Connected
16,985FansLike
2,458FollowersFollow
61,453SubscribersSubscribe
Must Read
- Advertisement -
Related News
- Advertisement -