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मेले में पशु बलि पर रहेगी पूर्णतया पाबंदी

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सीकर. जीणमाता मेले को लेकर प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। कलक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में कई प्रस्तावों पर मुहर लगी। जिला कलक्टर यज्ञमित्र सिंह देव ने मेले के दौरान डीजे, शराब की बिक्री एवं पशु बलि पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए। जीणमाता मेला 25 मार्च से एक अप्रेल तक चलेगा। उपखंड अधिकारी दांतारामगढ़ अशोक कुमार रणंवा को मेला मजिस्ट्रेट व तहसीलदार गंभीर सिंह को सहायक मेला मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है। मेले के दौरान दो नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जायेंगे, जो दिन रात सक्रिय रहेंगे। जिला कलक्टर ने मेला कमेटी को निर्देश दिए कि चौराहों, धर्मशालाओं एवं मुख्य रास्तों में सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाए। उन्होंने अधीशाषी अभियंता (विद्युत) को मेला अवधि में 24 घण्टे विद्युत आपूॢत करने व विद्युत लाईनों के ढ़ीले तारों को ठीक कराने की बात कही। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उप पुलिस अधीक्षक ग्रामीण व थानाधिकारी रानोली ने कई सुझाव भी दिए। मेले के दौरान रोडवेज व निजी वाहनों की व्यवस्था रहेगी।इन मुद्दों पर मंथन जिला कलक्टर ने कहा कि मेले के दौरान दुकानदार दुकानों के बाहर सडक़ या रास्तों पर अपना सामान नहीं लगाए, इससे भक्तों को काफी परेशानी होती। मेले में पॉलिथिन कैरी बेग पर पूरी तरह पाबंदी जारी रहेगी। मेले के दौरान कोई भी अनाधिकृत अस्थाई दुकान नहीं लगाएगा। दुकानदारों को अपने स्तर पर फायर फाईटिंग सिस्टम के इंतजाम करने होंगे। जिला कलक्टर ने निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता को पाबन्द किया कि हर्षनाथ से जीणमाता, गोरिया से जीणमाता वाया रैवासा, दांतारामगढ़ से जीणमाता की सडक़ जो क्षतिग्रस्त है उसे 20 मार्च तक ठीक कराए। इस अवसर पर मंदिर कमेटी के प्रहलादराय शर्मा ने भक्तों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में बताया। बैठक में एडीएम जयप्रकाश, तहसीलदार गंभीर सिंह, विकास अधिकारी दुर्गा ढाका, जिला आबकारी अधिकारी आदराम, अतिरिक्त सीएमएचओ सीपी ओला, जिला रसद अधिकारी महेन्द्र सिंह नूनियां, डीटीओ सुप्रिया विश्नोई, सीओ ग्रामीण राजेश आर्य, रलावता सरपंच सुभाष चन्द, ग्राम विकास अधिकारी बजरंग लाल ओला सहित अन्य मौजूद रहे। नर सेवा ही नारायण सेवा…श्रीमाधोपुर. पीडित मानव की सेवा सबसे बड़ी सेवा है। अर्श भगन्दर रोग 80 प्रतिशत लोगो में है लेकिन शर्म के कारण इसे लोग बता नहीं पाते। क्षार सूत्र पद्धति से इस रोग सेे जड़ से निजात पाई जा सकती है। यह बात उपखण्ड अधिकारी लक्ष्मीकांत गुप्ता ने शुक्रवार को शुरू हुए दस दिवसीय अर्श भगन्दर चिकित्सा शिविर में कही। हरिप्रसाद गोकुलका की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में उपनिदेशक आयुर्वेद सुरेश कुमार शर्मा ने क्षार सूत्र पद्धति से की जाने वाली शल्य चिकित्सा के बारे में बताया। अतिरिक्त निदेशक अविनाश वशिष्ठ ने आयुर्वेद चिकित्सा द्वारा असाध्य रोगों के उपचार के बारे में विस्तार से बताया। सहायक उप निदेशक डा. केलाश पाटोदा कोरोना वायरल से बचाव व उपाय के बारे में जानाकरी दी। कार्यक्रम में न्यायीक अधिकारी लालचन्द मीणा, ब्लाक आयुर्वेद अधिकारी डॉ. देवीशरण शर्मा, डा. नीरू पारीक ने भी संबोधित किया। शिविर प्रभारी डॉ मोहन दास स्वामी ने बताया कि शिविर में अर्श भगन्दर के 65 मरीजों को शल्य क्रिया के लिए भर्ती किया गया है। शल्य क्रिया वाले अर्श भगन्दर के मरीजो का 17 मार्च तक पंजीयन किया जाएगा।

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