- Advertisement -
HomeNewsभारत की जीडीपी ग्रोथ के 2.6 पर्सेंट पर सिमटने की आशंका,30 साल...

भारत की जीडीपी ग्रोथ के 2.6 पर्सेंट पर सिमटने की आशंका,30 साल के निचले स्तर पर होगी अर्थव्यवस्था

- Advertisement -

फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में देश की जीडीपी ग्रोथ के 2.6 पर्सेंट पर ही सिमट जाने का अनुमान है.बीते 30 सालों में देश की जीडीपी का यह सबसे निचला स्तर होगा

कोरोना वायरस संक्रमण लोगों की ही जान नहीं ले रहा बल्कि अर्थव्यवस्था को भी झकझोर रहा है. देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्या कांति घोष ने फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में देश की जीडीपी ग्रोथ के 2.6 पर्सेंट पर ही सिमट जाने का अनुमान जताया है. बीते 30 सालों में देश की जीडीपी का यह सबसे निचला स्तर होगा.इसके अलावा रेटिंग एजेंसी Crisil ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अपने अनुमान में बड़ी कटौती की है.एजेंसी ने भारत की जीडीपी ग्रोथ के 3.5 पर्सेंट पर ही ठहर जाने का अनुमान जताया है.इससे पहले एजेंसी ने आर्थिक ग्रोथ के 5.2 फीसदी रहने की भविष्यवाणी की थी.

एसबीआई की आर्थिक सलाहकार ने कहा कि 21 दिनों के इस लॉकडाउन से 8 लाख करोड़ रुपये तक का लॉस होगा.इसके अलावा कमाई में 1.77 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आएगी.प्रति व्यक्ति कमाई में कमी की बात की जाए तो यह भी 1.7 लाख करोड़ रुपये तक होगी.एसबीआई ने अपने अनुमान में 21 दिनों के लॉकडाउन के चलते जीडीपी में मौजूदा ग्रोथ के मुकाबले 1.7 फीसदी की गिरावट आने की आशंका जताई है.इससे पहले सिर्फ 2009 में ऐसा हुआ था,जब जीडीपी में इतनी तेजी के साथ गिरावट आई थी.

वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी इसी गति से गिरावट की आशंका है और दुनिया की जीडीपी में भारत की हिस्सेदारी 3.5 पर्सेंट हिस्सेदारी की उम्मीद है.देश के सबसे बड़े बैंक ने लॉकडाउन के चलते 70 फीसदी कारोबारियों गतिविधियों पर ब्रेक की आशंका जताई है.यही नहीं खत्म होने जा रहे फाइनेंशियल ईयर 2019-20 की जीडीपी 5 पर्सेंट की बजाय सिर्फ 4.5 फीसदी पर ही ठहर जाने की आशंका है.दरअसल मौजूदा वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में लॉकडाउन के चलते महज 2.5 पर्सेंट ही जीडीपी ग्रोथ का अनुमान है.इसके चलते पूरे साल की जीडीपी ग्रोथ प्रभावित होगी.

गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने भी गुरुवार को कोरोना वायरस के मसले पर हुई जी-20 देशों के राष्ट्राध्यक्षों की वर्चुअल मीटिंग में कहा कि हमने अर्थव्यवस्था पर मानव जीवन को प्राथमिकता दी है.बता दें कि अमेरिका ने कोरोना संक्रमण से 1,000 से ज्यादा लोगों की मौत के बावजूद लॉकडाउन नहीं किया है.अमेरिका के दिग्गज अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने राष्ट्रपति ट्रंप को भारत की तर्ज पर लॉकडाउन का सुझाव भी दिया है.

आपको बतादे कि एक दिन पहले (26 मार्च) ही केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस से लड़ाई के बीच देश के लिए आर्थिक राहत पैकेज का ऐलान किया था. आर्थिक राहत पैकेज में चिंता की बात सिर्फ इसका आकार नहीं, बल्कि यह भी है कि असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी, जिन्होंने लॉकडाउन के चलते अपनी नौकरी और तनख्वाह दोनों खोई हैं, उन्हें कितनी जल्दी इसका फायदा मिलता है.वह भी ऐसे समय जब इस वर्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं की कमी का सबसे ज्यादा खतरा है.इस लिहाज से केंद्र सरकार का पैकेज केरल के राहत पैकेज से भी देरी से आया है.केरल सरकार ने पिछले हफ्ते ही लोगों को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए 20,000 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया था.इसके बाद उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, तेलंगाना और राजस्थान ने भी राहत पैकेज की घोषणाएं शुरू कीं.

इस आर्थिक पैकेज में अभी यह साफ नहीं है कि सरकार ने असंगठित क्षेत्र के कर्मियों के लिए क्या योजनाएं तैयार की हैं.मसलन धोबी, रिक्शावालों, नाई और ग्रामीण कामगारों के लिए जो कई बार राज्य सरकार के साथ रजिस्टर्ड नहीं होते.इसके अलावा निर्माण कार्यों से जुड़े कर्मी जो राज्य सरकार से नहीं जुड़े हैं, उन्हें कैसे फायदा मिलेगा यह अभी तय नहीं है.एक दशक पहले असंगठित क्षेत्र के कर्मियों की संख्या करीब 47.41 करोड़ आंकी गई थी.पॉलिसी एक्सपर्ट्स को चिंता है कि आखिर सरकार उन कर्मियों को कैसे ढूंढ कर फायदा पहुंचाएगी, जो काम छोड़कर सैकड़ो किलोमीटर का सफर कर अपने घर की ओर निकल गए हैं.

यह भी पढ़े : क्या तीसरे चरण में पहुंच रहा है कोरोनावायरस? लापरवाही से ‘आपातकाल’

Thought of Nation राष्ट्र के विचार

The post भारत की जीडीपी ग्रोथ के 2.6 पर्सेंट पर सिमटने की आशंका,30 साल के निचले स्तर पर होगी अर्थव्यवस्था appeared first on Thought of Nation.

- Advertisement -
- Advertisement -
Stay Connected
16,985FansLike
2,458FollowersFollow
61,453SubscribersSubscribe
Must Read
- Advertisement -
Related News
- Advertisement -