सीकर. कोरोना वायरस (Corona Viurs)के साये के बीच जारी लॉक डाउन (Lock down)में भी लोगों की आवाजाही थमने का नाम नहीं ले रही। चूरू के राजगढ़ निवासी ऐसे ही तीन युवक आज सीकर-झुंझुनूं बाईपास पर देखे गए, जो बैंगलुरू से एक ट्रांसपोर्ट के ट्रक में बैठकर सीकर पहुंच गए। यहां से वह अपने गांव जाने के लिए किसी वाहन के इंतजार में थे। जो उन्हें पांच घंटे की मशक्कत के बाद तक भी नहीं मिला। खास बात यह रही कि जानकारी मिलने पर प्रशासन ने उन्हें यहां से गांव जाने की अनुमति तो नहीं दी, लेकिन बाहर से आने पर भी ना तो उनकी स्क्रिनिंगकी, ना ही उनके भोजन का प्रबंध किया। ऐसे में इन युवकों के साथ प्रशासन की लापरवाही की पोल भी खुल गई।
डेढ दिन से भूखे- प्यासे, पैदल ही रवानायुवक कपिल शर्मा व नितिन ने बताया कि वह बैंगलुरू से तीन दिन पहले रवाना हुए ट्रांसपोर्ट के वाहन ने उन्हें आज सुबह सात बजे सीकर छोड़ा था। इस बीच उन्होंने शुक्रवार सुबह खाना खाया था। जिसके बाद से उन्हें रास्तेभर खाना भी नसीब नहीं हुआ। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने सीकर एसडीएम गरीमा लाटा से बात कर राजगढ़ वाहन ले जाने की अनुमति मांगी। लेकिन, उन्होंने अनुमति नहीं दी। लिहाजा उन्होंने पैदल ही राजगढ़ पहुंचना तय किया है।
काम बंद होने पर लौटे
युवकों ने बताया कि वह बैंगलुरु की एक कंपनी में काम करते थे। जो लॉक डाउन की वजह से बंद है। वहां रोजी व रोटी का संकट खड़ा हो गया तो उन्हें मजबूरन वापस लौटना पड़ा। उन्होंने बताया कि ट्रांसपोर्ट के ट्रक में करीब 25 लोग थे।
गुजरात से बाइक पर आए लोगों की स्क्रीनिंग
इससे पहले लॉकडाउन के बावजूद गुजरात से बाइक पर आए 25 लोगों को शुक्रवार को रानोली पुलिस ने रोका था। जहां उनकी स्क्रीनिंग करवाई गई। सभी शेखावाटी के रहने वाले थे जो गुजरात नम्बर की बाइक पर सवार होकर पहुंचे थे। कांस्टेबल रणवीर ने बताया कि चेकअप के बाद सभी को होम आइसोलेशन में रहने की हिदायत के साथ छोड़ दिया गया। युवकों ने बताया कि गुरूवार शाम मजदूरी करने वाले करीब 100 लोग बाइक पर सवार होकर शेखावाटी के लिए रवाना हुए थे।
लॉकडाउन में ट्रांसपोर्ट के ट्रक से बैंगलुरू से चूरू के लिए निकले युवक रास्ते में फंसे, भूखे- प्यासे भटकने पर भी नहीं मिली मदद
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