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सचिन पायलट – जो पार्षद का चुनाव नहीं जीत सकता, उसको सीधे मेयर बनाना गलत, फैसले पर पुनर्विचार हो

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आजकल राजस्थान / जयपुर.

निकाय चुनाव में महापौर-सभापति सहित अन्य निकाय प्रमुखाें के चयन के तरीके पर गहलाेत सरकार अपनों से ही घिरती जा रही है। एक दिन पहले दो कैबिनेट मंत्रियों के सवाल उठाने के बाद अब डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी इस निर्णय के विरोध में उतर आए हैं। शुक्रवार काे पायलट ने कहा है कि मेयर-सभापति चुनने के हाईब्रिड तरीके पर न ही विधायक दल बैठक में चर्चा हुई, न ही सदन या कैबिनेट में। मंत्री महोदय यदि नगरपालिका एक्ट के तहत यह निर्णय लेना चाहते हैं तो यह न तो व्यावहारिक रूप से सही है, न ही राजनीतिक दृष्टिकोण से। इस निर्णय में बदलाव की जरूरत है। इसमें बैकडोर एंट्री होगी। इसमें लोकतंत्र को मजबूत करने वाली बात नहीं होगी। कांग्रेस ने हमेशा कहा है कि सीधा चुनाव हो, जनता से सीधा जुड़ाव हो। हमने पहले सीधे जनता की ओर से निकाय प्रमुख चुनने की बात कही थी, लेकिन उसको बदल दिया गया। यहां तक ताे ठीक था, लेकिन पार्षद का चुनाव लड़े बिना या जीते बिना किसी काे भी मेयर-सभापति बनाना गलत है।

बता दें कि एक दिन पहले गुरुवार काे ही खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीना और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी मेयर-सभापति चुने जाने संबंधी नए नियम का विराेध किया था। उन्हाेंने इसे फील्ड में काम करने वाले और चुनाव जीतकर आने वाले पार्षदों के साथ अन्याय बताया था।

पायलट का कहना है कि चुनाव हो तो इसका एक मैसेज हो कि चुनाव हो रहे हैं। जनता अपने प्रतिनिधि चुनने जा रही है। सीधे निकाय प्रमुख प्रत्याशी बनाए जाने की न ही विधायक दल बैठक में चर्चा हुई, न ही सदन या कैबिनेट में। मंत्री महोदय यदि नगरपालिका एक्ट के तहत यह निर्णय लेना चाहते हैं तो यह व्यावहारिक नहीं है, राजनीतिक दृष्टिकोण से भी यह सही नहीं है। मुझे नहीं लगता है कि देश के किसी भी राज्य में ऐसा नहीं है और इस निर्णय में बदलाव करने की जरूरत है। इसमें बैकडोर एंट्री होगी। इसमें लोकतंत्र को मजबूत करने वाली बात नहीं होगी। कांग्रेस ने हमेशा कहा है कि सीधा चुनाव हो, जनता से सीधा जुड़ाव हो।इस नियम पर दाेबारा विचार हाे पायलट ने कहा कि इस नियम में लोकतंत्र को मजबूत करने वाली बात नहीं है। हमारी पार्टी ने हमेशा से ही लोकतंत्र को मजबूत करने की बात कही है। मैं इस निर्णय से सहमत नहीं हूं। हम महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलने वाले व्यक्ति हैं और उनकी 150वीं जयंती मना रहे हैं। बगैर चुनाव के किसी भी व्यक्ति काे मेयर बनाने के नियम से कांग्रेस पर दाग लगने का खतरा है। कराेड़ाें रुपए के लेनदेन के अलावा कई सही-गलत आराेप लगेंगे। बगैर चुनाव के काेई भी व्यक्ति मेयर या सभापति बन जाएगा ताे जनता के बीच गलत मैसेज जाएगा। ऐसे में इस नियम पर दाेबारा से विचार कराने के लिए सरकार में बात हाेगी।

एकतरफा निर्णय थोपा, सरकार दो भागों में बंटी : भाजपा

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि सरकार के टुकड़े साफ दिखाई दे रहे हैं। मंत्री और उपमुख्यमंत्री सरकार के निर्णय के खिलाफ हैं। जिस घर में झगड़ा हो, बंटवारा होता है। वह जनता का भला नहीं कर सकता। उपमुख्यमंत्री के बयान से साफ है कि उनको भी फैसले की जानकारी नहीं थी और ना ही कैबिनेट में चर्चा हुई। सरकार ने एकतरफा निर्णय किया है।

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Sachin Pilot Reaction on Two mayor Announcement of shanti dhariwal

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