सलाम क्रिकेट के मंच पर भारत की 2011 वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य रहे हरभजन सिंह और पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मिस्बाह उल हक ने दोनों देशों के रिश्तों पर भी खुलकर बात की. दोनों ने ही राजनीतिक तनाव के कारण के कारण क्रिकेट संबंध ठप कर दिए जाने से असहमति जताई. हरभजन ने कहा कि क्रिकेट को राजनीति से अलग रखा जाना चाहिए.
भज्जी ने कहा कि जब भी दोनों देशों के बीच तल्खी बढ़ती है, क्रिकेट मैच बंद हो जाते हैं. इस दौरान हॉकी मैच खेले जाते हैं, दोनों देशों के बीच व्यापार चलता रहता है, लेकिन क्रिकेट मैच नहीं खेला जाता. उन्होंने कहा कि जब बंद हो, तो यह सभी बंद हो. केवल क्रिकेट ही क्यों. सभी चीजों को एक ही तराजू में तौला जाना चाहिए.
पाक खिलाड़ियों से मिलने पर नहीं लगता, हुआ है कोई बदलाव
टर्बनेटर के नाम से मशहूर हरभजन ने कहा कि हम जब भी पाकिस्तान के खिलाड़ियों से मिलते हैं, हमें कभी नहीं लगता कि कोई बदलाव हुआ है. हम अगर पाक क्रिकेटरों को जन्मदिन की शुभकामनाएं भी दे देते हैं तो देश में हमें गालियां पड़नी शुरू हो जाती हैं. पाकिस्तान में भी कुछ ऐसे ही लोग होंगे. हिंसा के समर्थक कुछ उधर भी होंगे, कुछ इधर भी होंगे. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि पूरा पाकिस्तान या पूरा भारत खराब है. हमें इन्सानियत को उपर रखना चाहिए.
मिस्बाह ने भी जताई सहमति
मिस्बाह ने भी भज्जी की राय से सहमति जताते हुए कहा कि दुनिया का कोई भी मुल्क खेलता हो, लेकिन क्रिकेट की फैमिली एक है. खेल लोगों को करीब लाने के लिए होता है न कि दूर करने के लिए. उन्होंने इन्सानियत को जरूरी बताते हुए कहा कि भारत-पाक मुकाबले को दोनों मुल्कों के लोग एन्ज्वॉय करते हैं. इन्हें इससे दूर रखना ठीक नहीं. बता दें कि भारत पाक के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट संबंध वर्षों से ठप चल रहे हैं.