सीकर. दिल्ली के दंगों (Delhi Riots) में शहीद हुए राजस्थान के सीकर जिले (Sikar in Rajasthan) के तिहावली गांव निवासी हेड कांस्टेबल रतन लाल ( Head Constable Ratanlal) की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। आरापियों मेंं गाजियाबाद निवासी सलीम मल्लिक, मुहम्मद जलालुद्दीन व मोहम्मद दानिश के अलावा मुहम्मद सलीम खन, मुहम्मद अयूब, मुहम्मद मुश्ताक और एक अन्य आरोपी है। जिनसे पुलिस सख्ताई से पूछताछ कर रही है। गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके के मौजपुर में फरवरी के अंतिम सप्ताह में हिंसा फैल गई थी। जिसमें हेड कांस्टेबल रतनलाल शहीद हो गए थे।
गोली लगने से हुई थी मौत
शहीद रतन लाल (Mrtyrd Constable Ratanlal) की मौत दो पक्षों के दंगों में 24 फरवरी को हुई थी। घटना के दौरान रतन लाल गोकुलपुरी एसीपी के ऑफिस में नियुक्त थे। जो हिंसा के दौरान घटना स्थल तैनात थे। यहां दंगाइयों की गोली व पत्थर लगने पर वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिन्हें नजदीकी पुलिसकर्मियों ने तुरंत अस्पताल पहुंचाया था। लेकिन, उपचार के दौरान ही रतन लाल ने दम तोड़ दिया था।
ग्रामीणों की मांग पर मिला शहीद का दर्जा
रतन लाल की हत्या के बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम करवा व गार्ड ऑफ ऑनर देकर शव परिजनों को सौंपा। जिसके बाद शव अगले दिन पैतृक गांव तिहावली लाया गया। यहां ग्रामीणों ने शव को रास्ते में ही रुकवा लिया और रतनलाल को शहीद का दर्जा देने की मांग को लेकर नेशनल हाइवे जाम कर दिया। सूचना पर सीकर के सांसद सुमेधानंद सरस्वती सहित कई जनप्रतिनिधी व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। बाद में सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने केंद्र सरकार से वार्ताकर रतन लाल को शहीद का दर्जा देने की घोषणा की थी।
1998 में हुए थे भर्ती, अभिनंदन के थे फेन
रतनलाल की पढ़ाई लिखाई सीकर जिले में ही हुई। 1998 में रतनलाल दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल पद पर भर्ती हुए थे। जिसके बाद से वह दिल्ली ही रहने लगे थे। वीर गति के वक्त रतनलाल की उम्र 42 वर्ष थी। रतनलाल विंग कमांडर अभिनंदन के प्रशंसक थे। लिहाजा उन्हीं की तरह मूंछे भी रखी हुई थी।
दिल्ली दंगों में शहीद कांस्टेबल रतनलाल की हत्या के सात आरोपी गिरफ्तार, कड़ाई से हो रही पूछताछ
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