महाराष्ट्र के राज्यपाल ने शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दे दिया है, महाराष्ट्र के राज्यपाल ने शिवसेना के विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे से पूछा है कि, क्या वह सरकार बनाने के लिए तैयार हैं ?
आपको बताते चलें कि शिवसेना राज्य में दूसरा सबसे बड़ा राजनीतिक दल बनकर उभरा है. शनिवार को राज्यपाल ने बीजेपी को राज्य में सरकार बनाने का निमंत्रण दिया था, लेकिन अगले ही दिन पार्टी नेताओं के साथ बैठक करने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने अन्य नेताओं के साथ राज्यपाल से मुलाकात की थी और उन्हें बता दिया था कि बीजेपी राज्य में सरकार बनाने में सक्षम नहीं है.
राज्यपाल द्वारा सरकार बनाने का न्योता दिए जाने के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठ खड़ा हुआ है कि क्या शिवसेना सरकार बना पाएगी ? क्योंकि एनसीपी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने रविवार को कहा कि, राज्य में सरकार बनाने के लिए उनकी पार्टी के समर्थन देने के बारे में सोचने से पहले उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना को बीजेपी से नाता तोड़कर एनडीए से अलग होना होगा.
नवाब मलिक ने कहा कि, शिवसेना अगर हमारे पास सरकार बनाने का प्रस्ताव लेकर आती है तो हमारी ओर से कुछ शर्ते होंगी, जिन पर पार्टी को सहमत होना होगा. शिवसेना नेता संजय राउत इस बात पर जोर देते आ रहे हैं कि उनकी पार्टी का मुख्यमंत्री होगा अगर उन्हें कांग्रेस और एनसीपी का समर्थन चाहिए तो उन्हें भाजपा के साथ केंद्र में सत्ता साझा करने पर अपना रुख स्पष्ट करना होगा. केंद्र में जो शिवसेना के मंत्री हैं उन्हें इस्तीफा देना होगा.
एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा है कि शिवसेना को समर्थन देने के बारे में आखिरी फैसला कांग्रेस और एनसीपी संयुक्त रूप से लेंगे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार इस बारे में घोषणा करेंगे.
आपको बताते चलें कि महाराष्ट्र के चुनावी नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना मुख्यमंत्री पद की कुर्सी को लेकर अड़ी हुई है. शिवसेना का कहना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान उनका बीजेपी के साथ 50-50 का फार्मूला तय हुआ था. शिवसेना के मुताबिक इस फार्मूले के तहत मुख्यमंत्री का पद दोनों पार्टियों के पास ढाई-ढाई साल के लिए रहेगा, लेकिन बीजेपी मुख्यमंत्री पद के बंटवारे के लिए तैयार नहीं हुई और अंततः बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल के पास जाकर सरकार बनाने में अपनी अक्षमता जाहिर कर दी है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना बीजेपी पर हमलावर है. शिवसेना के मुखपत्र सामना के ताजा संपादकीय में एक बार फिर बीजेपी पर हमने बोला गया है. रविवार को शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में बीजेपी की तुलना हिटलर से की है. शिवसेना ने कहा है कि महाराष्ट्र दिल्ली का गुलाम नहीं है.
इससे पहले भी शिवसेना की ओर से कहा जा चुका है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी का फैसला महाराष्ट्र में होगा ना कि दिल्ली से.
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