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220 दिनों की ‘कैद’ से रिहाई के बाद छलका फारूख अब्दुल्ला का दर्द

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जम्मू कश्मीर में पिछले साल अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के बाद तमाम नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था. 220 दिनों तक ‘कैद’ में रहने के बाद फारूख अब्दुल्ला की रिहाई हुई, पहली बार फारूख ने खुलकर मीडिया से बात की.बोले- मैं भाग्याशाली हूं.

नेशनल कांफ्रेंस (NC) प्रमुख फारूख अब्दुल्ला सात महीने नजरबंदी के बाद बाहर निकले.इसके साथ ही उन्होंने बाकी नजरबंद नेताओं की रिहाई के लिए मांग की.उन्होंने कहा कि इससे पहले की राजनीति हमें अलग करे हमसब एकजुट होकर केंद्र सरकार से बाकी नेताओं को रिहा करने की मांग करे.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि 5 अगस्त के बाद जम्मू-कश्मीर में हुए महत्वपूर्ण बदलावों का जायज़ा लेने के लिए मेरा मानना है कि राजनीतिक विचारों का एक स्वतंत्र और स्पष्ट आदान-प्रदान जरूरी है. उन्होंने कहा कि हम अभी भी ऐसे माहौल से कुछ दूर हैं जहां इस तरह का राजनीतिक संवाद संभव हो.फारुक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि मैं इस बात से अवगत हूं कि सैकड़ों कश्मीरी परिवारों की तुलना में मैं कहीं ज्यादा भाग्यशाली हूं. मुझे घर पर नजरबंद कर दिया गया था और मेरे परिवार मुझतक पहुंच सकता था. गौरतलब है कि फारूक अब्दुल्ला हाल ही में पीएसएस कानून के तहत 220 दिनों के बाद रिहा हुए.

अब्दुल्ला ने कहा कि पिछले साल अगस्त में हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या को देखते हुए कुछ लोगों को जम्मू-कश्मीर के बाहर की जेलों में रखा गया.इससे पहले अब्दुल्ला अपने बेटे उमर अब्दुला से मुलाकात की. इस मुलाकात को लेकर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कल जब मैं अपने बेटे उमर से मिलने गया, तो उसे देखने के लिए मुझे अपने घर से एक किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ी.

आपको बता दे कि नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने बीते सात महीने से हिरासत में रखे गए अपने बेटे उमर अब्दुल्ला से श्रीनगर की उप जेल में मुलाकात की है. इस दौरान दोनों नेता भावुक नजर आए.पूर्व मुख्य मंत्री फारूक जनसुरक्षा कानून के तहत अपनी हिरासत खत्म होने के बाद शुक्रवार अपने आवास से नजदीक में ही हरि निवास पहुंचे जहां उनके बेटे तथा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को पीएसए के तहत पांच फरवरी से नजरबंद करके रखा गया है. इस दौरान दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगा लिया.

अधिकारियों ने कहा कि फारूक (82) ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से सात महीने बाद अपने बेटे से मुलाकात का अनुरोध किया था, जिसे प्रशासन ने स्वीकार कर लिया. अधिकारियों ने कहा कि दोनों की मुलाकात करीब एक घंटे चली.  गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने पिछले साल पांच अगस्त को तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य से विशेष दर्जा वापस ले लिया था, जिसके बाद फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और एक और मुख्यमंत्री एवं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को हिरासत में ले लिया गया था. इसके बाद 15 सितंबर को फारूक के खिलाफ पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया जबकि उनके बेटे उमर की ऐहतियातन हिरासत पांच फरवरी को खत्म हो रही थी लेकिन उससे कुछ ही घंटे पहले इसे छह महीने के लिये बढ़ा दिया गया था. 

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने पिछले साल पांच अगस्त को तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य से विशेष दर्जा वापस ले लिया था, जिसके बाद फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और एक और मुख्यमंत्री एवं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को हिरासत में ले लिया गया था. इसके बाद 15 सितंबर को फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया जबकि उनके बेटे उमर की ऐहतियातन हिरासत पांच फरवरी को खत्म हो रही थी, लेकिन उससे कुछ ही घंटे पहले इसे छह महीने के लिये बढ़ा दिया गया था.

Thought of Nation राष्ट्र के विचार
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