Aajkal Rajasthan/jaipur
.प्रशासन साेशल मीडिया पर अफवाहाें को रोकने के लिए नेटबंदी को ढाल बनाता है। इस साल अब तक 9 बार नेटबंदी हो चुकी है और बीते दाे साल में 23 बार।
एक्सपर्ट बताते हैं कि सरकार पूरे इंटरनेट पर पाबंदी लगाने के बजाय सिर्फ साेशल मीडिया एप जैसे फेसबुक, वॉट्सअप, टेलीग्राम, टि्वटर, मैसेंजर के डीएनएस अाैर अाईपी एड्रेस काे कुछ समय के लिए ब्लाॅक कर सकती है। इससे गूगल व ई-वॉलेट जैसी अन्य सुविधाएं बंद नहीं होंगी।
जयपुर में रविवार सुबह छह से शाम अाठ बजे तक नेट बंद रहा। इस दाैरान शहरवासियाें सहित पर्यटकों को भी परेशानी हुई। कैब से लेकर ई-वॉलेट सर्विस तक ठप रही।ई-बैंकिंग वॉलेट-सर्विस सब ऑफलाइनइमरजेंसी के दौरान अगर 100 नंबर काम न करे तो ऑनलाइन पुलिस या दूसरे सहायता के नंबर ढूंढ़ने में परेशानी हाे सकती है। अगर आपके साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी हो जाती है तो न तो अलर्ट मिलेगा और न ही आप कस्टमर केयर के नंबर ऑनलाइन या बैंक की वेबसाइट से ढूंढ पाएंगे। गूगल मैप का इस्तेमाल बंद हाे जाएगा, इस दाैरान काेई इमरजेंसी हाेने पर अपनी लोकेशन तक किसी को नहीं भेज सकते। ऑनलाइन बिजनेस, अाेला, उबर सेवाएं प्रभावित रहती हैं। ऑनलाइन पेमेंट, नेटबैकिंग सेवा ठप रहेगी, पीअाेएस मशीन में भी डेबिट अाैर क्रेडिट कार्ड स्वैप नहीं हाेंगे
कश्मीर के बाद राजस्थान में सबसे ज्यादा नेटबंदी, फिर यूपीपिछले 5 साल के दाैरान देशभर में 375 बार नेट बंद हुअा। कश्मीर के बाद राजस्थान नेटबंदी के बाद दूसरे नंबर पर है। यूपी तीसरे नंबर पर है। कश्मीर में 2019 में 55 बार नेट बंद हो चुका है, वहीं राजस्थान में इस दौरान 12 और यूपी में 10 बार इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं
देशभर में 2019 में 103 के मुकाबले 2018 में 134 बार सबसे ज्यादा नेटबंदी हुई। दक्षिण भारत में सबसे कम बार इंटरनेट सेवाएं बाधित रहीं। कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में तो 2019 में महज एक-एक बार ही नेटबंदी की गई। राजस्थान में परीक्षाओं के चलते सबसे ज्यादा 4 बार नेटबंदी रही, गुजरात-अरुणाचल का आंकड़ा 1-1 बार। पिछले 5 साल के नेटबंदी के आंकड़ों पर गौर करें तो कश्मीर में सबसे ज्यादा 180 बार नेटबंदी रही। इसी दौरान राजस्थान में 68 और यूपी में 22 बार इंटरनेट ठप रखा गया।
कश्मीर के बाद राजस्थान में सबसे ज्यादा नेटबंदी।