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अरबन सहकारी बैंकों में रिक्त पदों पर सहकारी भर्ती बोर्ड जल्द करेगा भर्ती

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  • अरबन सहकारी बैंकों में रिक्त पदों पर सहकारी भर्ती बोर्ड करेगा भर्ती ,
  • वर्ष में 3 बार होगा अरबन सहकारी बैंकों का निरीक्षण ,
  • बैंकों में विभागीय ऑडिटर ही करेगाा ऑडिट

 Aajkal Rajasthan Jaipur , 11 अक्टूबर।

रजिस्ट्रार सहकारिता, डॉ. नीरज के. पवन ने कहा कि प्रदेश के अरबन सहकारी बैंकों के रिक्त पदों पर सहकारी भर्ती बोर्ड के माध्यम से भर्ती करवा कर पदों को भरा जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी बैंक 15 दिनों में रिक्त पदों की सूचनाएं विभाग को उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि विभाग का उप रजिस्ट्रार जिले में कार्यरत अरबन सहकारी बैंकों व नागरिक बैंकों का वर्ष में 3 बार निरीक्षण करेगा और उसकी रिपोर्ट विभाग को भिजवाएगा।
 डॉ. पवन शुक्रवार को यहां सहकार भवन में खण्डीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, जिलों के उप रजिस्ट्रार एवं अरबन सहकारी बैंक व नागरिक बैंक के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में कार्यरत समस्त अरबन को-ऑपरेटिव बैंक एवं नागरिक सहकारी बैंक के पास जमा पूंजी जनता की प्रतिभूति है और जनता ने विश्वास के साथ जमा कराया है। लोगों का विश्वास बना रहे यह हम सबका दायित्व है।
 उन्होंने कहा कि उक्त संस्थाएं यद्यपि बैंकिग अथॉरिटी के नियमान्तर्गत है। किन्तु आरबीआई के पास इनके निरीक्षण हेतु पर्याप्त संसाधन नही है। को-ऑपरेटिव एक्ट के अधीन पंजीकृत होने के कारण इनके सुचारू संचालन एवं इनमे जमा प्रतिभूतियों की सुरक्षा का दायित्व सहकारिता विभाग का है। उन्होंने उक्त बैंकों का ऑडिट विभागीय अंकेक्षकों से कराया जाने पर जोर दिया, साथ ही उन्होंने ऑडिट हेतु रिकार्ड उपलब्ध न कराने वाली यूसीबी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की चेतावनी दी।
रजिस्ट्रार देश में कार्यरत अनेक यूसीबी के कटु अनुभवो के संदर्भ में कहा कि राज्य में कार्यरत उक्त प्रकार की संस्थाओं के विषय में अतिरिक्त सावधानी पर जोर दिया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि किसी संस्था का डूबना एक दिन में होने वाली घटना नही है। हमें ऎसे अलार्म बनाने होगे जिनसे बीमारी का समय पर पता चले और यथासमय निदान संभव हो सके। इसके लिए उन्होंने पांच अलार्म लोन देने में सावधानी,वसूली में गम्भीरता, एनपीए की स्थिति पर नजर, यथासमय ऑडिट एवं समय-समय पर विभाग द्वारा निरीक्षण का जिक्र किया।
 डॉ. पवन ने कहा कि बैंकों के सुचारू संचालन के लिए वसूली को ध्यान में रखते हुए लोन देते समय सावधानी एवं जोखिम पूर्ण निवेश नही करना जैसे दो सूत्रों पर विशेष जोर दिया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि डिपोजिट में गति लाई जाए एवं सही जगह पर निवेश किया जाए। बैठक में अतिरिक्त रजिस्ट्रार द्वितीय श्री जी.एल. स्वामी एवं अतिरिक्त रजिस्ट्रार बैंकिग श्री भोमाराम उपस्थित थे।

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