सीकर. कोरोना (corona virus) पर केन्द्र सरकार (central government) की एडवाइजरी के बाद राज्य सरकार के कोचिंग समेत शिक्षण संस्थाओं को बंद करने के आदेश का असर पहले दिन शनिवार को शिक्षा नगरी पर साफ दिखाई दिया। कोचिंग व निजी स्कूलों (Coaching and School) में सस्थान बंद होने के नोटिस चस्पा दिखे। वहीं जानकारों के अनुसार कोरोना के चलते यहां पर प्रतिदिन 50 लाख रुपए का कारोबार प्रभावित होने का अंदेशा है।
परीक्षाओं के बीच अचानक 15 दिन का अवकाश घोषित होने से स्कूलों की व्यवस्था और बच्चों की पढ़ाई चौपट हो रही हैं। कॉलेज और बोर्ड परीक्षाओं के टाइम टेबिल में हालांकि कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। लेकिन इस बीच निजी स्कूलों में चल रही छोटे बच्चों की परीक्षाएं अब अप्रेल महीने में होगी। जिससे बच्चों की परीक्षाएं पूरी होने का इंतजार कर रहे परिजन भी परेशान हैं।बंद का मिला जुला असरजिले के सभी राजकीय एवं मान्यता प्राप्त निजी स्कूल, कोचिंग संस्थान, मदरसे सहित सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रहेंगे। 5,8,10 और 12वीं बोर्ड परीक्षाएं यथावत चलेगी। निजी स्कूलों में बोर्ड के अलावा सभी परीक्षाएं 30 मार्च के बाद होगी। इस बीच संस्था प्रधान व स्टाफ शिक्षण संस्थानों में उपस्थित रहकर बोर्ड परीक्षाएं एवं शाला संबंधी आवश्यक कार्य संपादित करेंगे। मुख्यमंत्री के यह आदेश शुक्रवार देर रात जारी होने के बावजूद सुबह शहर के कई स्कूलों में विद्यार्थी नजर आए। हालांकि स्कूल संचालकों का तर्क है कि आदेश देर रात को मिले। इसके चलते विद्यार्थियों को समय पर सूचित करने का मौका नहीं मिला। वहीं कोचिंग संस्थानों की अगर बात की जाए तो मुख्यमंत्री व जिला कलक्टर यज्ञमित्र सिंह देव के आदेशों के बावजूद शनिवार देर शाम तक विद्यार्थी कोचिंग में नजर आए।बंद का व्यापार व शिक्षा पर असरशिक्षा नगरी के 200 कोचिंग संस्थान और सैंकड़ों निजी शिक्षण संस्थानों में करीब 1 लाख से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। शहर में संचालित 200 जनरल बुक स्टोर, 150 टिफिन सेंटर, 500 से अधिक ऑटो चालकों सहित छोटे बड़े सैंकड़ों व्यापार प्रभावित होंगे। हालांकि शहर में पिपराली व नवलगढ़ रोड़ पर स्थित इन दिनों नीट व जेईई के 10 कोचिंग संस्थानों में पहले से अवकाश पर चल रहेईंै। लेकिन आरपीएसी और यूपीएससी जैसे कई प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए कोचिंग संस्थान बंद होने से पढ़ाई पर असर होगा।
पढ़ाई में तकनीकी का सहारा
तकनीक युग के जमाने में कुछ संस्थानों ने अपनी वेबसाइट, यू ट्यूब चैनल और एप की मदद से विद्यार्थियों को कुछ विषयों के नोटस मिल सकते हैं। लेकिन विद्यार्थियों के लिए विषय के सभी बिंदुओं को केवल नोटस से समझना मुश्किल है। साथ ही कोचिंग संस्थानों में विद्यार्थियों की पढ़ाई के साथ प्रवेश प्रक्रिया पर भी असर पड़ेगा। जिन विद्यार्थियों के बैंच अभी चल रहे हैं, वो 15 दिन बाद नहीं आएंगे। इसके अलावा होली के बाद जो विद्यार्थी प्रवेश के लिए डेमो देने आए वो भी नहीं आएंगे।
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