सीकर. सरकारी मेडिकल कॉलेज के अधीन कल्याण अस्पताल में नियुक्त सहायक आचार्य ने अस्पताल के माहौल से तंग आकर इस्तीफा दे दिया। प्राचार्य को भेजे इस्तीफे में डा. अम्बिका ने लिखा है कि यहां पर काम करने का वातावरण नहीं है। साथ ही जूनियर उनकी अवहेलना करते हैं। डा. अम्बिका की नियुक्ति तीन माह पूर्व ही यहां हुई थी। उन्होने त्यागपत्र में सरकारी नौकरी छोडने के पीछे कल्याण अस्पताल में कुछ चिकित्सकों की ओर से जानबूझकर परेशान करने और ड्यूटी लगाने में मनमर्जी करने का आरोप लगाया। इनके अलावा हाल में नियुक्त डा नवीन ने भी ड्यूटी कथित अव्यवस्था से परेशान होकर अस्पताल आना बंद कर दिया। उनका मोबाइल भी बंद है। हालांकि कॉलेज प्रशासन का कहना है कि दोनो सहायक आचार्य ने ड्यूटी लगाने को लेकर विरोध जताया है। जल्द ही दोनो सहायक आचार्य ड्यूटी पर लौट आएंगे। ओपीडी छोडकर चले जाते हैं चिकित्सकरेस्पिरेटरी मेडिसिन में सहायक आचार्य डा अम्बिका ने बताया कि विभागाध्यक्ष होने के नाते जूनियर उनका कहना नहीं मानते हैं और मनमर्जी से अस्पताल समय में निजी प्रेक्टिस करने बाहर चले जाते हैं। अस्पताल के चिकित्सकों की ओर की जाने वाली इन घटनाओं के कारण वे तनाव में है। जिसका असर उनके शारीरिक और मानसिक स्थिति पर पड़ रहा है। अस्पताल के चिकित्सकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि सीकर मेडिकल कॉलेज में अपने चहेतों को लगाने के लिए कुछ चिकित्सकों की ओर से जानबूझ कर हाल में नियुक्त नए चिकित्सकों की ड्यूटी विभाग में लगाने की बजाए ट्रोमा जैसे स्थानों पर लगाई जा रही है। इसके अलावा ओपीडी में विभागाध्यक्ष के बेठने पर वे ड्यूटी समय में अस्पताल से गायब होकर निजी प्रेक्टिस नहीं कर पाएंगे। इस कारण प्रबंधन पर दवाब बनाते हैं।
इनका कहना हैहाल में नियुक्ति दो सहायक आचार्य ड्यूटी लगाने को लेकर नाराज है। वह समस्या दूर कर दी जाएगी। जल्द ही दोनो चिकित्सक ड्यूटी पर लौट आएंगे। डा. केके वर्मा, प्रिंसीपल मेडिकल कॉलेज सीकर
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