सीकर. गर्मियों के सीजन में आमजन की पेयजल को लेकर मुसीबत बढऩा लगभग तय है। खुद जलदाय विभाग ने गर्मियों के मौसम में बेहतर सप्लाई के लिए लगभग 20 करोड़ की योजना बनाई है। लेकिन मुख्यालय ने महज 50 लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया है। इस मामले में जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता शिवदयाल मीना का कहना है कि यह बजट कंटीजेंसी के अति आवश्यक काम के लिए है। शेष अन्य कामों के लिए आगे भी बजट मिलता रहेगा। गर्मियों के सीजन के लिए जिलेभर में तैयारी शुरू कर दी है। पेयजल किल्लत की समस्याओं का समय पर निपटारा किया जाएगा।यहां सबसे ज्यादा पेयजल किल्लतजिले के चार विधानसभा क्षेत्रों में हर साल सबसे ज्यादा पेयजल किल्लत की समस्या रहती है। जिले के खंडेला, श्रीमाधोपुर, नीमकथाना व दांतारामगढ़ में पेयजल किल्लत की सबसे ज्यादा शिकायत सामने आती है। इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा पेयजल की समस्या रहती है। इनमें भी खंडेला व श्रीमाधोपुर कस्बे में जलस्तर काफी नीचे होने के चलते यहां पानी 20 किलोमीटर दूर से पेयजल की आपूर्ति होती है। शहर के ऐसे वार्ड जहां पेयजल किल्लत रहती है।मौसम के साथ बढ़ेगी खपतजिले में इस बार भी गर्मी के मौसम में पेयजल की मांग दोगुनी होने की संभावना है। कंटीजेंसी प्लान के तहत जिलेभर के सैकड़ों काम होते हैं, लेकिन फिलहाल राज्य सरकार की ओर से जारी बजट में नए काम शुरू करने की कोई संभावना नहीं हैं। विभाग ने भी बजट को ध्यान में रखकर फिलहाल कम बजट में होने वाले काम की सूची तैयार करने पर जोर दिया है। दूषित पेयजल से लोग परेशानसीकर. जलदाय विभाग के तमाम दावों के बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है। इस वजह से लोगों में काफी आक्रोश है। शहर के वार्ड नंबर 60 में पिछले कई दिनों से दूषित पेयजल सप्लाई होने के बाद भी विभाग ने लीकेज को ठीक नहीं किया है। इस वजह से लोगों के बीमार होने की संभावना है। पार्षद सरला दानोदिया ने इस संबंध में जिला कलक्टर को शिकायत दी है। शिकायत में आरोप लगाया कि जलदाय विभाग के अधिकारियों को कई बार फोन कर भी शिकायत दी, लेकिन विभाग के जिम्मेदार शिकायत की अनदेखी कर रहे है। इलाके के कई परिवारों को दूषित पेयजल की वजह से अपने स्तर पर टैंकर मंगवाकर काम चलाना पड़ रहा है। इलाके के लोगों ने चेतावनी दी कि यदि अब भी सुधार नहीं हुआ तो शनिवार से मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा।
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