लक्ष्मणगढ़. जी हां सुनने में भले ही अजीब लगे, परन्तु यह सच है कि लक्ष्मणगढ़ का 5 करोड़ का पार्किंग स्थल इन दिनों सब जगह चर्चा का विषय है। दरअसल कस्बे में भामाशाह काशीप्रसाद मुरारका की ओर से लगभग 5 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया बस स्टैंड राज्य सरकार व प्रशासन की अनदेखी के कारण आजकल वाहन चालकों व नगरपालिका के लिए पाॢर्कग स्थल बना हुआ है। लगभग दो साल पूर्व बने उक्त बस स्टैंड पर एक्सप्रेस बस नहीं आने के कारण एक ओर जहां उपखंडवासी परेशान हैं वहीं दूसरी ओर शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा की ओर से छह माह पूर्व किए गए वादे पर भी सवालिया निशान लग गया है। बसों की आवाजाही नहीं होने के कारण स्टैंड पूरे दिन खाली रहता है, इस कारण निजी बस चालक व दुपहिया वाहन चालक इसको पार्किंग स्थ्ल के रूप में काम में ले रहे है।यह है मामलाभामाशाह काशीप्रसाद मुरारका की ओर से दो साल पहले लक्ष्मणगढ़ को लगभग 5 करोड़ रूपए की सौगात के रूप में वातानुकूलित बस स्टैंड बनाकर दिया गया था। बस स्टैंड पर समस्त सुविधाएं भी मुरारका परिवार की ओर से उपलब्ध करवाई गई हैं। इसके साथ ही वातानुकूलित प्रतीक्षालय के साथ साथ सुलभ शौचालय व 18 दुकानों की सौगात दी गई। बस स्टैंड के लोकार्पण के समय पधारे सासंद सुमेधानंद सरस्वती, विधायक गोविन्द सिंह डोटासरा व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने सभी रोडवेज एक्सप्रेस बसों के ठहराव का वादा लक्ष्मणगढ़ की अवाम व मुरारका परिवार से किया था। परन्तु दो साल बीत जाने के बाद भी ना तो अभी तक दुकानों की नीलामी हो पाई है और ना ही एक्सप्रेस बसों का ठहराव हो रहा है। ऐसे में भामाशाहों के अभूतपूर्व सहयोग के बावजूद भी यहां की जनता खुद को ठगा सा महसूस कर रही है। व्यवसाय के लिए सीकर सहित अन्य शहरों में रूटीन आवाजाही करने वाले कुशल खरादि व प्रदीप महर्षि ने बताया कि एक्सप्रेस बसों की बस स्टैंड पर आवाजाही नहीं होने से पुलिया के पास धूप में खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ता है। बहुत परेशानी होती है। सोशल मीडिया के माध्यम से समस्या को उठाने के बावजूद समाधान नहीं होने से काफी निराशा का सामना करना पड़ा है।
शिक्षा मंत्री डोटासरा के दावे पर भी लगा प्रश्रचिह्न
छ: माह पूर्व 27 फरवरी को पुलिस थाना में भामाशाह काशीप्रसाद मुरारका की ओर से लगभग 1 करोड़ की लागत बनाए गए महिला आवास के लोकार्पण पर आए शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने जिले के प्रभारी मंत्री डॉ रघु शर्मा की मौजूदगी में उक्त समस्या का समाधान दो दिन के भीतर करने का दावा किया था, परन्तु छह माह बीत जाने के बाद भी एक्सप्रेस बसों का ठहराव बस स्टेण्ड पर नहीं होने से शिक्षा मंत्री के दावों पर प्रश्नचिह्ल लग गया है। उपखंडवासियों का कहना है कि सरकार एक ओर तो भामाशाहों का सहयोग लेना चाहती है और दूसरी ओर भामाशाहों की ओर से निर्मित्त बस स्टैंड की दुर्दशा कर रही है। ऐसे में फिर कोई भामाशाह कैसे सरकार का सहयोग करेगा।